चलते-चलते

चलते-चलते

By कमल किशोर मालवीय भाषा को शब्द उसके परिवेश और वातावरण से मिलते हैं। जब कभी बात उदाहरण की आती है तो भले ही भाषा की कक्षा हो, आसपास के शब्द ही सबसे पहले दिमाग में चले आते हैं। कई सालों से मुस्कान संस्था के भोपाल स्थित बंजारी बस्ती सेंटर […]

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छह साल की छोकरी

छह साल की छोकरी

By कमल किशोर मालवीय भाषा की जादुई दुनिया में प्रवेश करते ही बच्चों का तरह-तरह के शब्दों से खेलना शुरु हो जाता है। दुनिया का कौन-सा ऐसा बच्चा होगा जिसने अपने बचपन में शब्दों को उलट-पलटकर मज़ा नहीं लिया होगा। बच्चों का कविता से सम्पर्क बचपन से ही शुरु हो […]

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